Posts

J

सार्वजनिक स्कूल की स्थिति :- आज दौर मैं रोटी कपड़ा मकान के बाद किसी भी वर्ग को किसी चीज की आवश्कता है वो होती है  शिझा की ये हर वर्ग के लोगो के लिये महत्पूर्ण है।  किन्तु इसकी प्राप्ति मध्यवर्गीय  ओर उच्चवर्गीय   लोगो को ज्यादा कठनाई का सामना नहीं करना पड़ता किन्तु गरीबो को इसके लिये बहुत मेहनत करनी पडती है।          वे अपने बच्चों की पढ़ाई के लिये रोटी कपड़ा मकान सब कुछ दाव मैं लगाने को तैयार हो जाते हैं ताकि अपने बच्चों को एक अच्छा भविष्य दे सके फिर भी इतना कुछ दाव मैं लगाने के बाद भी कुछ गरीब  सफल नहीं हो सकते।                    निजी स्कूल की फीस जो होती है वो आसान छूने को होते जो की गरीब परिवार उसका बोझ नहीं संभाल पाते।                    मजबूरन उन्हें थक हार कर उन्हें उन्हें अपने बच्चो को सार्वजनिक (सरकारी) स्कूलों मैं भेजना पड़ता है।  आज कोई भी वर्ग का व्यक्ति आज अपने बच्चो को सरकारी स्कूल नहीं भेजना चाहता आखिर क्यों।  अच्छी बेवस्था का ना होना।  काबिल गुरुओ का ना होना  कामचोर टीचर का होना।  सुचारु रूप से क्लास का होना।  बच्चों के उप्पर खास ध्यान ना देना।  गप्पे कर के टाइम पास करना।